NEW DEFINITION OF MSME , MSME की नयी परिभाषा, CLASSIFICATION OF MSME

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भारत सरकार ने अभी हाल ही में MSMED act- 2006 में संशोधन करते हुए एमएसएमई की परिभाषा में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।

इस लेख में एमएसएमई की परिभाषा MSME DEFINATION में किए गए बदलाव ,उद्योगों की श्रेणियों का नया वर्गीकरण, एमएसएमई का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्व ,एवं नई परिभाषा NEW  DEFINITION OF MSME  के प्रभावों के बारे में बहुत ही आसान भाषा में वर्णन किया गया है।




NEW DEFINITION OF MSME नई परिभाषा के अनुसार किए गए महत्वपूर्ण बदलाव . 

source- msme.gov.in
 नई परिभाषा के अनुसार अब  मैन्युफैक्चरिंग एवं सर्विस Enterprises की अलग-अलग श्रेणियों को समाप्त कर दिया गया है!  सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के वर्गीकरण Classification of MSME का आधार  कुल निवेश तथा वार्षिक टर्नओवर कर दिया गया है!
 निवेश की सीमा में भी काफी वृद्धि की गई है ,उदाहरण के लिए जैसे सूक्ष्म उद्योगों  में निवेश की सीमा एक करोड़ तक लघु उद्योगों में निवेश की सीमा 10 करोड़ तक वहीं मध्यम उद्योगों में निवेश की सीमा 20 करोड़ तक कर दी गई है !
टर्नओवर के लिहाज से उद्योगों का वर्गीकरण इस प्रकार होगा!
 5 करोड़ तक सालाना टर्नओवर वाले उद्योग micro enterprises   या सूक्ष्म उद्योगों की श्रेणी में आएंगे
 वही 50 करोड़ तक सालाना टर्नओवर वाले उद्योग लघु उद्योगों की श्रेणी में आएंगे
 तथा 100 करोड़ तक के सालाना टर्नओवर वाले उद्योग मध्यम श्रेणी में गिने जाएंगे।

Old definition of MSME एम एस एम ई की पुरानी परिभाषा क्या थी ??

MSMED sct 2006 की पुरानी परिभाषा के अनुसार सूक्ष्म लघु  एवं मध्यम उद्योगों को दो अलग-अलग श्रेणियों विनिर्माण उद्योग मैन्युफैक्चरिंग और  service Enterprises में बांटा गया था ,,,!
साथ ही साथ इनकी वर्गीकरण का आधार निवेश की राशि पर आधारित था, जिसके बारे में आपको नीचे इस चित्र में स्पष्ट हो जाएगा
source- msme.gov.in

एमएसएमई की श्रेणियों में आने वाली कंपनियों को मिलने वाले लाभ


नई परिभाषा के अनुसार अनेक ऐसी कंपनियां जो पहले अपेक्षाकृत बड़ी श्रेणी में आती थी! उदाहरण के लिए जो उद्योग पहले मध्यम श्रेणी में आते थे वह अब लघु श्रेणी के अंतर्गत गिने जाने लगेंगे ,वहीं कुछ ऐसे उद्योग जो लघु श्रेणी के अंतर्गत आते थे अब वह micro enterprises  की श्रेणी के अंतर्गत गिने जाने लगेंगे ,इसका मुख्य आधार निवेश की सीमा में की गई वृद्धि  है। एमएसएमई कंपनियों को भारत सरकार की तरफ से कई प्रकार के लाभ मिलते हैं इस कारण से विभिन्न कंपनियां अपने आप को  इस की श्रेणी में लाने का प्रयास करती है  इस  श्रेणियों में आने वाली कंपनियों को निम्न लाभ मिलते हैं

 पहला कम ब्याज दरों पर आसान शर्तों के साथ ऋण की उपलब्धता इसके अलावा सरकार के द्वारा जारी समय-समय पर विभिन्न आर्थिक पैकेज  इसके अलावा  इस क्षेत्र को करो में कुछ रियायत मिलती है। पंजीयन कराना आसान होता है बैंकों से ऋण प्राप्त करना भी आसान होता है आदि।

IMPORTANCE OF MSME IN INDIAN ECONOMY  एमएसएमई का भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्व


वर्तमान में भारत में स्थापित कुल उद्योगों में 90% से भी कुछ ज्यादा इस श्रेणी   के अंतर्गत आते हैं
भारत में कुल रोजगार उपलब्ध करवाने के लिहाज से एमएसएमई क्षेत्र करीब 45% का योगदान प्रदान करता है,
 इसके अलावा भारत के निर्यात में यह क्षेत्र करीब 50% की भूमिका निभाता है !
साथ ही साथ भारत में दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली करीब 6000 से अधिक प्रकार की वस्तुओं का निर्माण यह  क्षेत्र करता है !
साथ ही साथ यह  क्षेत्र अकुशल श्रमिकों के रोजगार प्रदान करने का भी महत्वपूर्ण स्थान है!


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