*बीज के प्रकार * types of seed in Hindi

 बीज के प्रकार

Types of seed in Hindi.

बीज के प्रकार को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है ,अनुवांशिकता या जेनेटिक्स के आधार पर  ,तथा Indian seed act 1966  के अनुसार बीजों का वर्गीकरण।

बीज के प्रकार  types of seed in Hindi


जेनेटिक्स या अनुवांशिकता के आधार पर बीज पांच प्रकार के होते जो निम्न है।

नाभिकीय बीज -nucleus seed

यह बीज पादप प्रजनन अर्थात प्लांट बिल्डर द्वारा प्रथम बार तैयार किया गया बीज है इसमें अनुवांशिक एवं भौतिक शुद्धता शत प्रतिशत पाई जाती है यह बीज प्रजना के बीज के गुणन  के लिए प्रयोग किया जाता है।


प्रजनक बीज -breeder seed


यह बीच पादप प्रजनक  या किसी संस्था द्वारा पैदा किया जाता है इस बीच में अधिकतम अनुवांशिक शुद्धता एवं गुण पाए जाते हैं।,


आधार बीज -Foundation seed.

यह बीच प्रजनक  बीज से उत्पन्न किया जाता है और इसका उत्पादन विशेष मानकों के आधार पर किया जाता है जिससे इसमें अनुवांशिक गुण एवं  शुद्धता बनी रहे,

 यह बीज परीक्षण के बाद ही किसानों को वितरित किया जाता है।

पंजीकृत बीज registered seed 

प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख में यह बीज ,आधार बीज से पैदा किया जाता है इसमें अनुवांशिक गुण व शुद्धता विशेष मानकों के अनुसार रखे जाते हैं।

Certified seed प्रमाणित बीज

Foundation seed या certified seed प्रामाणिक संस्था की देखरेख में पैदा किया जाता है ,अधिकतर इसी बीच का उपयोग किसानों के द्वारा खेतों में व्यापारिक फसल उत्पादन के लिए किया जाता है।


भारतीय बीज अधिनियम( इंडियन सीड एक्ट )1966 के अनुसार बीजों का वर्गीकरण।

भारतीय बीज अधिनियम के अनुसार बीजों को निम्न प्रकारों में बांटा गया है 

संकर बीज- हाइब्रिड सीड

इसके अंतर्गत पहली पीढ़ी के जो बीज प्राप्त किए जाते हैं वह दो या दो से अधिक स्व परागित  या शुद्ध वंश क्रम के संकरण से प्राप्त होते हैं, इन बीजों को प्रत्येक साल परिवर्तित करना पड़ता है।

संश्लिष्ट बीज -सिंथेटिक seed

संश्लिष्ट बीज अर्थात सिंथेटिक सीट से तात्पर्य ऐसे बीजों से है जो कई विभेदो से युक्त है, यह बीज  एक दूसरे से भलीभांति संयोजन करने में सक्षम होते हैं, यह बीज आपस में सभी संस्करणों से प्राप्त बीजों को बराबर परिणाम में मिलाने से प्राप्त होते हैं।

कृत्रिम बीज- आर्टिफिशियल सीड

यह एक प्रकार के विशिष्ट बीज होते हैं, जिनमें एक कायिक भ्रूण (सोमेटिक एंब्रियो ) ,आवश्यक पोषक वृद्धि हार्मोन ,पीड़कनाशी, प्रतिजैविक आदि होते हैं ,इसमें भ्रूण स्वस्थ पादपों में विकसित हो जाता है।

अनुवांशिक संवर्धित बीज (जेनेटिकली मोडिफाइड सीड)

अनुवांशिक संवर्धित बीज (जेनेटिकली मोडिफाइड सीड)


जब किसी पादप के प्राकृतिक जीन में कृत्रिम उपायों के माध्यम से उसकी मूल संरचना में परिवर्तन किया जाता है तो ऐसे पादपों से प्राप्त बीज को GM seed या जेनेटिकली मोडिफाइड सीड कहते हैं।।

Genetically modified seed की विशेषता एवं उद्देश्य

इस बीज  का उद्देश्य जल की आवश्यकता को कम करना ,रोग एवं कीट के प्रति संवेदनशीलता को समाप्त करना ,गुणवत्ता में वृद्धि करना ,उत्पादन में वृद्धि करना आदि होता है।

पारजीनी बीज

जब किसी बीज के प्राकृतिक जीन में कृत्रिम उपायों के द्वारा किसी दूसरे पादप या जंतु के जीन का कोई हिस्सा जोड़ दिया जाता है तो इस प्रकार प्राप्त बीज को पारजीनी बीज कहते हैं

इसका उद्देश्य पादपों में किसी विशिष्ट गुण या विशिष्ट क्षमता को विकसित करना होता है।

Terminator seed  टर्मिनेटर बीज

यह बीज विशेष प्रकार के गुणों से युक्त होते हैं जिसे एक बार फसल लेने के बाद अगली फसल के लिए किसानों को पुनः नया बीज खरीदना पड़ता है,, क्योंकि यह बीज  दोबारा से अंकुरित अर्थात फसल उत्पादन करने के योग्य नहीं होते हैं ,अर्थात इस प्रकार के बीज से उत्पन्न पादप तथा पादप से उत्पन्न बीज को अगली फसल के लिए बीज के रूप में दोबारा प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है,


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