गांधी सागर बांध मंदसौर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी

 गांधी सागर बांध के मंदसौर  बारे में महत्वपूर्ण जानकारी 

गांधी सागर बांध के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी


*यह बांध मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित है।


*इस बांध की नीव पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 7 मार्च 1954 को रखी थी।


 गांधी सागर बांध की क्षमता -

* जल ग्रहण क्षेत्र-22.184 किलोमीटर

*भंडारण की क्षमता-7.322 बिलियन क्यूबिक मीटर

*ऊंचाई-62.17 मीटर


*इस बांध को सन् 1970 ईस्वी मैं पूरी तरह तैयार कर लिया गया था।


*इसके निर्माण में कुल खर्च 18 करोड़ 40 लाख हुआ है।


*इस बांध ( डैम) मैं हाइड्रो पावर यूनिट भी है।


*डैम के द्वारा बिजली का उत्पादन किया जाता है।


*डैम के द्वारा 115 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है ।


*जिसमें 5 टरबाइन लगे हैं जो 23-23 मेगावाट की क्षमता रखते हैं।


*इस बांध का जलाशय क्षेत्र हीराकुंड जलाशय के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा है।


*यह बांध चंबल के स्त्रोत से 344 किलोमीटर और 440 किलोमीटर के बीच गहरी घाटियों का एक क्षेत्र है जिसके मध्य यह डैम बना हुआ है।


*यह मंदसौर जिले के मुख्यालय से 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।


*इस डैम का पानी अनेक क्षेत्रों को लाभान्वित करता है।


*सिंचाई के लिए  डैम के पानी का उपयोग अधिकतर किया जाता है।


*इस बांध द्वारा सिंचाई क्षेत्र 445,000 हेक्टेयर से बढ़कर 567,000 हेक्टेयर हो जाता है।


*गांधी सागर बांध दो जिलों को बाढ़ की स्थिति में प्रभावित करता है - 1. मंदसौर 2. नीमच

मंदसौर- नीमच के अनेकों /सैकड़ों गांव के लोग डैम के ओवरफ्लो के कारण बेघर हो जाते हैं ।


*उनकी सुरक्षा के लिए NDRF और जिला प्रशासन की टीम तैनात हैं ।


*लेकिन इस बारे में स्थिति अभी कुछ ठीक नहीं है ।


*गांधी सागर डैम का विकराल रूप देखकर देश के लोग चौक जाते हैं।

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