कृषि भूमि खरीदने हेतु ऋण योजना की जानकारी

 

यहां पर स्टेट बैंक की एग्रीकल्चरल लैंड परचेज लोन स्कीम के बारे में सभी महत्वपूर्ण तथ्यों को सटीक एवं आसान रूप में प्रस्तुत किया गया है ,इस लेख में एसबीआई की कृषि भूमि खरीदने हेतु ऋण योजना जिसे अंग्रेजी में State Bank of India -  agriculture land purchase scheme [SBI LPS ]के नाम से जाना जाता है। इसके संबंध में सभी महत्वपूर्ण बातों जैसे -

SBI agriculture land purchase scheme in Hindi


एसबीआई लैंड परचेज स्कीम क्या है ?

एसबीआई लैंड परचेज स्कीम के लिए कौन व्यक्ति आवेदन कर सकता है?

इस योजना का लाभ लेने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक है ?

INTEREST RARE OF S.B.I. LAND PURCHASE SCHEME ,

इस योजना के तहत कितनी धनराशि तक कृषि भूमि खरीदने हेतु ऋण मिल सकता है?

लिए गए ऋण पर कितनी अवधि में ब्याज व मूलधन चुकाना होता है ?
इसकी री पेमेंट अवधि कितनी होती है?

एवं इससे संबंधित अन्य तथ्य।


SBI agriculture land purchase scheme in Hindi


एसबीआई लैंड परचेज स्कीम क्या है ?
What is State Bank of India land purchase scheme in Hindi [SBI LPS]

भारतीय स्टेट बैंक की यह योजना कृषि भूमि खरीदने हेतु दिए जाने वाले लोन से संबंधित है ,
इस योजना के तहत जो ऋण दिया जाता है वह अनिवार्य रूप से कृषि भूमि खरीदने हेतु ही मिलता है ।

इस योजना में जो ऋण दिया जाता है वह केवल कृषि कार्यों को संपादित करने के लिए दिया जाता है यहां पर यह बात भी हमें समझ लेना चाहिए कि कृषि कार्य का मतलब केवल फसल उत्पादन करने से नहीं है ,
इसमें डेरी प्रोडक्शन ,पशुपालन ,मधुमक्खी पालन ,मछली पालन, मुर्गी पालन, केंचुआ खाद से संबंधित क्रियाएं भी कर सकते हैं।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लैंड परचेज स्कीम के लिए कौन आवेदन कर सकता है?


इस योजना के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए वही व्यक्ति आवेदन के पात्र माने जाते हैं जो कि कृषि से संबंधित क्रियाकलाप करते हो ,इनमें मुख्यतः वह व्यक्ति सम्मिलित होंगे जो भूमिहीन कृषक हो साथ ही साथ सीमांत कृषकों एवं लघु कृषकों को भी इस योजना के तहत सम्मिलित किया गया है।

एसबीआई की लैंड परचेज स्कीम के तहत ऐसे किसान भी कृषि भूमि खरीदने हेतु आवेदन कर सकते हैं जिनके पास वर्तमान में कुछ कृषि भूमि पहले से ही मौजूद है,

 परंतु वही किसान आवेदन कर सकते हैं जिनके पास सिंचित क्षेत्र में 2.5 एकड़ भूमि एवं असिंचित क्षेत्र में 5 एकड़ से कम भूमि हो।

एसबीआई की लैंड परचेज स्कीम में आवेदन कैसे करें?
How to apply for SBI land purchase scheme?

इसी योजना में आवेदन करने हेतु बैंक की शाखा में ही जाना पड़ेगा ,इसमें ऑनलाइन सुविधा नहीं दी गई है ,
हालांकि इस योजना से संबंधित जानकारी आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्राप्त कर सकते हैं ,
परंतु इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए ऑनलाइन सुविधा नहीं दी गई है।


एसबीआई की लैंड परचेज स्कीम के लिए आवश्यक कागजात।
Document for apply SBI land purchase scheme?


इस योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक है -
  • आवेदक का आधार कार्ड 
  • पासपोर्ट साइज फोटो 
  • बैंक पासबुक 
  • अगर आवेदक के पास पहले से कृषि भूमि है तो उससे संबंधित दस्तावेज जैसे कि- खसरा ,खतौनी।
  • साथ ही साथ आवेदक का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अगर कोई पुराना लोन चल रहा है तो उसका रीपेमेंट का उत्तम रिकॉर्ड होना भी अनिवार्य है।
  • इस योजना के तहत दूसरे बैंकों के अच्छे कर्जदार अर्थात जिनका लोन रीपेमेंट का रिकॉर्ड अच्छा है वह भी आवेदन कर सकते हैं।
  • उपरोक्त बताए गए दस्तावेजों के अलावा आवेदक को उस भूमि से संबंधित जानकारी भी बैंक के अधिकारियों को देनी होती है जिस भूमि को वह खरीदना चाहता है।

एसबीआई की कृषि भूमि खरीदने हेतु ऋण योजना के तहत कितना ऋण मिल सकता है?


इस योजना के तहत दिए जाने वाले ऋण की राशि का निर्धारण उस भूमि के बाजार मूल्य पर निर्भर करता है ,जिस भूमि को आवेदक खरीदना चाहता है ,तथा उसके बाजार मूल्य का निर्धारण बैंक के अधिकारी करते हैं।

बैंक के अधिकारियों द्वारा जो भी उस भूमि का अधिकतम बाजार मूल्य निर्धारित किया जाता है उस बाजार मूल्य का अधिकतम 85 % तक ऋण दिया जा सकता है।

अर्थात इस योजना के तहत भूमि खरीदने हेतु आवेदक को केवल 15% राशि ही अपनी स्वयं की पूंजी से देने की आवश्यकता होती है ,तथा शेष राशि की व्यवस्था बैंक से ऋण लेकर की जा सकती है।

इस योजना के तहत ऋण चुकाने की अवधि कितनी होती है?


इस योजना के तहत ऋण चुकाने की अवधि 9 से 10 वर्ष तक की होती है ,तथा इस योजना का सबसे बड़ा लाभ तो यह है कि इसमें ऋण लेने वाले किसान को 2 वर्ष तक का गेस्टेशन मिलता है 

अर्थात लोन लेने वाले किसान को प्रारंभ के  2 वर्षों तक कोई भी किस्त जमा नहीं करनी होती है ,
इस योजना के तहत पहली किस्त 2 वर्ष की अवधि के पश्चात शुरू होती है अर्थात ऋण चुकाने की अवधि 2 वर्ष के बाद से प्रारंभ मानी जाती है।

इस योजना के तहत जो ऋण की किस्त आती है वह वर्ष में दो बार अर्थात 6-6 माह के अंतराल पर देना होती है।

एसबीआई लैंड परचेज स्कीम से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी-

इस योजना के तहत जो भी भूमि किसान खरीदता है उस भूमि पर उस किसान का मालिकाना हक लोन की संपूर्ण राशि चुकाने के पश्चात ही मिल पाता है ,अर्थात भूमि से संबंधित दस्तावेज बैंक के पास बंधक रखना होते हैं ,

जिसका अर्थ यह हुआ कि अगर कृषक लोन चुकाने से पहले उस भूमि को बेचना चाहें या हस्तांतरित करना चाहे तो वह तब तक यह कार्य नहीं कर सकता जब तक कि वह बैंक को लिए गए ऋण की पूरी राशि अदा न कर दे।

अगर ऐसी परिस्थिति विद्यमान हो जाए की  ऋण की समस्त राशि चुकाने से पहले ही ऋण लेने वाले किसान की मृत्यु हो जाए तब ,ऐसी स्थिति में भूमि का नामांतरण उसके द्वारा नामित व्यक्तियों को हो जाएगा परंतु भूमि का मालिकाना हक बैंक के पास ही बना रहेगा जब तक कि पूरा लोन न चुका दिया जाए।


 इस योजना के प्रमुख लाभ क्या है ?


इस योजना का प्रमुख लाभ यह है कि इसमें आवेदक को केवल 15% पूंजी ही अपनी बचत से खर्च करने की आवश्यकता होती है, शेष पूंजी बैंक द्वारा ऋण के रूप में उपलब्ध करवा दी जाती है।

जैसा कि हम सभी इस बात को बहुत गहराई से जानते हैं कि, वर्तमान समय में अगर कोई व्यक्ति साहूकार से या बाजार से ऋण लेकर कृषि भूमि खरीदता है और यह सोचता है कि वह उस कृषि भूमि से उत्पादन करके लिए गए ऋण पर ब्याज और मूल धन को जल्दी ही अदा कर देगा तो यह एक बहुत ही बड़ा चैलेंज है,

 क्योंकि बाजार से लिए गए ऋण में कोई भी मोरटोरियम पीरियड अर्थात गैस्टेशन पीरियड नहीं होता है ,
उस ऋण पर तो अगले ही दिन से ब्याज लगना प्रारंभ हो जाता है ,और ऐसी स्थिति में अगर एक-दो वर्षों तक फसल या संबंधित क्रियाएं सही से संपादित नहीं हुई तो लोन की  राशि ब्याज के रूप में इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि उसे अदा करना सामान्य किसान के बस की बात नहीं रह जाती है ,

और इसी के चलते वह किसान आत्महत्या को भी मजबूर हो जाता है इस योजना से गैस्टेशन पीरियड के रूप में 2 साल की अवधि मिलना एवं ऋण चुकाने की अवधि 10 वर्ष तक रहना किसानों के लिए बहुत ही फायदे का सौदा है।


एसबीआई ने अपने सभी प्रकार के लोन को एमसीएलआर [MCLR ]पर आधारित कर दिया है ,
एमसीएलआर एक प्रकार की ब्याज दर होती है जिस का पूरा नाम मार्जिनल कॉस्ट आफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट होता है 
यह एमसीएलआर निश्चित समय अंतराल पर परिवर्तित होती रहती है 
अतः जब कोई आवेदक इस योजना के अंतर्गत ऋण लेने हेतु आवेदन बैंक की शाखा में प्रस्तुत करता है तब बैंक के अधिकारियों द्वारा उस समय प्रचलित एमसीएलआर को आधार बनाकर लोन की राशि पर ब्याज दर लागू करने संबंधी जानकारी बैंक अधिकारी उस आवेदक को प्रदान करते हैं।

अतः इस योजना के अंतर्गत ब्याज दर से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का सबसे अच्छा विकल्प यही होगा कि आवेदक बैंक की शाखा पर जाकर बैंक अधिकारी से ही उक्त जानकारी प्राप्त करें,

Previous
Next Post »